जंगलराज के बदनाम राजा जेल से निकलते ही धर्मं निरपेक्छाता का राग अलापने लगे । लगता है जेल में गीता पढ़ने से आत्मज्ञान जागृत हुआ है । लालू जी को पहले अपने दल की चिंता करनी चाहिए । नरेंद्र मोदी के कद के सामने लालू जैसा नेता बौना लगता है । अगर उन्हें रोकना ही था तो गुजरात चुनाव के समय आप कहाँ थे ? लालू को अपना औकात अच्छी तरह पता है ।
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