Monday, 30 December 2013

आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के द्वारा आम बनना भी दिखावा का नायाब तरीका है । जरुरत काम करने की है । बात कम , काम अधिक । किसी को जेल भेजना , काम करने से अधिक आसान है । 

Wednesday, 18 December 2013

lalu ka ahankar

जंगलराज के बदनाम राजा जेल से निकलते ही धर्मं निरपेक्छाता का राग अलापने लगे । लगता है जेल में गीता पढ़ने से आत्मज्ञान जागृत हुआ है । लालू जी को पहले अपने दल की चिंता करनी चाहिए । नरेंद्र मोदी के कद के सामने लालू जैसा नेता बौना लगता है । अगर उन्हें रोकना ही था तो गुजरात चुनाव के समय आप कहाँ थे ? लालू को अपना औकात अच्छी तरह पता है । 

Friday, 14 June 2013

hal hi me huae assam dange ka doshi koun?

भारत में आज तक जितने भी दंगे हुए उसका हिसाब कौन देगा ?नरेन्द्र मोदी । क्या दंगे सिर्फ गुजरात में ही हुए ?देश के बाकी हिंसो में हुए दंगे के लिए बहस क्यों नहीं होती है । गोधरा नहीं होता तो कुछ भी नहीं होता । और गोधरा का पूरा कलंक जनता दल यूनाइटेड के सर पर है । नितीश जी    आप की पार्टी भी तो सांप्रदायिक ही है जिसका एक मुस्लिम सांसद मुह में पान ढूसकर लोंगो को टोपी पहनने की वकालत करता है । आप ने अपने सांसदों बिधयको को नरेन्द्र मोदी को जो भी मन करे बोलने का ठेका दे रखा है ताकि इस देश में लोग फिर से यह सोचना शुरी कर दे की यहाँ हिन्दू और मुस्लमान अलग अलग रहते है ताकि आप जैसे संकुचित सोंच के नेता उन्हें महज मतदाता ही समझे भारत का नागरिक नहीं बनने दे । आज जहाँ लोग सबकुछ भुलाकर अमन के साथ रहना चाहते वही आप जैसे लोग उन्हें दंगे का भय दिखाकर मुसलमानों को भारतीय नहीं बनने देना चाहते । संभल जाये नहीं तो मतदाता आप को !  



                                                                                                                                                             

Wednesday, 12 June 2013

negative politics of nitish

the all of popular face of jdu opposinng the appointment of narendra modi as a chief of the election compaign of bjp. it is nothing new regarding nitish decision against the narendra modi.he also includes himself as a leader who does not believe on his development work thou vote bank politics.

Sunday, 10 March 2013

sense

The underprivileged children need honest help from the able citizen of our country. when we see with open eye in our surroundings such children seen to everyone but being in position to help them we never think over this. Is this the real sense of India ? who will change the thinking sense of India ?  

Tuesday, 8 January 2013

मानव , मन का भोतिक प्रकटीकरण  है । मन को वश में रखना मानव की पहली प्राथमिकता हो ऐसा हमारा प्रयास हो । नगरो , महानग्र्र्रो में नारियो के प्रति बढ़ती अमानवीय घटनाये हैरान करने वाली है ।आज का नगरीय जीवन सुविधासंपन्न होने के बावजूद तनावग्रस्त है । तनाव मानसिक वासना को जन्म देता है । ऐसे लोग जो इस मानसिक बिमारी के शिकार है वे ही नावालिक  और वालिक लरकियो के साथ इस तरह का घिनॊना  अपराध कर रहे है।
दुसरा , नगरीय जीवन में बढती नशाखोरी भी बढती अमानवीय घटनावो का कारण है ।